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संक्षिप्त इतिहास

राज्य में कौशल विकास एवं रोजगार के क्षेत्र में उपलब्ध अवसरों से युवाओं को जोड़े जाने के उद्देशय से कौशल विकास एवं सेवायोजन विभाग का गठन 5 दिसम्बर 2017 को किया गया। विभाग में तीन प्रखण्ड है - सेवायोजन, प्रशिक्षण एवं उत्तराखण्ड कौशल विकास समिति। सेवायोजन प्रखण्ड के अन्तर्गत संचालित सेवायोजन कार्यालयों द्वारा युवाओं का पंजीयन कर उन्हें रोजगार के अवसर से जोड़े जाने हेतु प्रयास किये जाते हैं। सेवायोजन प्रखण्ड द्वारा कैरियर काउन्सिलिंग के माध्यम से स्कूल/कॉलेजों में अध्ययनरत छात्र-छात्राओं को विभिन्न कैरियर अवसरों की जानकारी प्रदान की जाती है जिससे युवा अपनी अभिरूची एवं योग्यता के आधार पर बेहतर कैरियर विकल्प का चयन कर सकें। विभाग द्वारा समय-समय पर रोजगार एवं एप्रेन्टिशिप मेलों का आयोजन किया जाता है जिसके माध्यम से क्षेत्र में उपलब्ध रोजगार/ प्रशिक्षण अवसरों से युवाओं को जोड़ा जा सके। सेवायोजन विभाग द्वारा समस्त कार्य नेशनल एम्लाईमेन्ट सर्विस मैनुअल में दिये गये दिशा-निर्देशों के क्रम में सम्पादित किये जाते हैं।

राज्य सरकार द्वारा युवाओं को कुशल एवं दक्ष बनाये जाने के उद्देष्य से विभिन्न दीर्घ एवं लघु अवधि प्रशिक्षण कार्यक्रम संचालित किये जा रहें हैं। राजकीय औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों के माध्यम से दीर्घ तथा लघु अवधिय प्रशिक्षण संचालित किये जा रहे हैं तथा कई लघु अवधिय प्रशिक्षण कार्यक्रम निजी प्रशिक्षण प्रदाताओं के माध्यम से भी प्रदान किये जा रहें हैं। इसके अतिरिक्त राज्य के पाँच सेवायोजन कार्यालयों - देहरादून, सहसपुर, अल्मोड़ा, उधमसिंहनगर एवं हरिद्वार को मॉडल कैरियर सेन्टर के रूप में विकसित किया गया है।

संगठनात्मक संरचना


संगठनात्मक संरचना


रोजगार सेवा विभाग की नेटवर्किंग संरचना में वर्तमान में राज्य सरकार द्वारा चलाए जा रहे 24 रोजगार कार्यालय हैं, लेकिन प्रमुख रोजगार कार्यालय केवल 13 हैं।

4 विश्वविद्यालयों में रोजगार केंद्र हैं जिन्हें यूईबी कहा जाता है। वर्तमान में यूईबी रुड़की को दून विश्वविद्यालय देहरादून में स्थानांतरित करने और पंत नगर विश्वविद्यालय में एक और यूईबी स्थापित करने का प्रस्ताव है।

राष्ट्रीय रोजगार सेवा, जो रोजगार कार्यालयों के नेटवर्क के माध्यम से संचालित होती है, निम्नलिखित कार्य करती है:

जॉबसीकर का पंजीकरण और नियुक्ति ताकि मांग और आपूर्ति के बीच उचित संतुलन सुनिश्चित किया जा सके।

श्रम की मांग और आपूर्ति के प्रभावी प्रबंधन, परामर्श और व्यावसायिक मार्गदर्शन के लिए कैरियर साहित्य तैयार करने में उपयोग के लिए डेटा बेस के निर्माण के लिए त्रैमासिक आधार पर व्यापक रोजगार बाजार की जानकारी एकत्र करें।

कैरियर परामर्श और व्यावसायिक मार्गदर्शन।